Top Guidelines Of hanuman chalisa

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार ।

Through the colonial era, in Sikh seminaries in what is now Pakistan, Sikh instructors ended up referred to as bhai, plus they have been required to examine the Hanuman Natak, the Hanuman Tale made up of Ramcharitmanas together with other texts, all of which were being accessible in Gurmukhi script.[ninety]

कर्म के साथ भावनाओं का भी महत्व है - प्रेरक कहानी

श्री हनुमान चालीसा - जय हनुमान ज्ञान गुन सागर

All difficulties stop for that just one who remembers the powerful lord, Lord Hanuman and all his pains also arrive at an conclude.

होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥ तुलसीदास सदा हरि चेरा ।

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भावार्थ – आप प्रभु श्री राघवेन्द्र का चरित्र (उनकी पवित्र मंगलमयी कथा) सुनने के लिये सदा लालायित और उत्सुक (कथारस के आनन्द में निमग्न) रहते हैं। श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता जी सदा आपके हृदय में विराजमान रहते हैं।

O partial incarnation of Lord shiva, giver of Pleasure to King Kesari. Your wonderful majesty is revered by the whole earth.

भावार्थ– हे हनुमान् स्वामिन् ! आपकी जय हो ! जय हो !! जय हो !!! आप श्री गुरुदेव की भाँति मेरे ऊपर कृपा कीजिये।

कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना hanuman chalisa

नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।

श्री हनुमान आरती

भावार्थ – अन्त समय में मृत्यु होने पर वह भक्त प्रभु के परमधाम (साकेत–धाम) जायगा और यदि उसे जन्म लेना पड़ा तो उसकी प्रसिद्धि हरिभक्त के रूपमें हो जायगी।

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